डर के खिलाफ एक पहल - आशीष जॉर्ज

 

मुझे डर लगता है, वो दर्द भरी चिल्लाहट से 
जो आज भी मेरे देश की महिलाओ की असुरक्षिति के कारण उठती है 

मुझे डर लगता है, उन निर्दय हाथो से 
जो आज भी गरीब  लाचारों पर जुल्म करते है 

मुझे डर लगता है, उन मजदुर पीड़ितों की पुकार से 
जिन्हे आज भी कहीं न कहीं मज़बूरी में अपने मालिकों के तलवे चाटने पड़ते है 

मुझे डर लगता है, उन छोटे छोटे बच्चो के रोनो से 
जो नाले कचरो में पड़े हुए भी अपनी माँ की ममता का इंतज़ार करते है 

मुझे डर लगता है, उन विचारो से 
जो आज भी लोगो को लड़का - लड़की का भेदभाव करने को मजबूर करती हो 

मुझे डर लगता है, उन विचारधाराओ से 
जो आज भी धर्मो के नाम पर एक भारत को अनेक हिस्सों में बाँट देते है 

मुझे डर लगता है, उन बच्चो के मासूमियत भरे चेहरे से 
जिनका आज भी फायदा उठा क्से  बाल मजदूरी करवाई जाती है 


मुझे डर लगता है, उन बूढ़े माँ - बाप की करूँ व्यथाओं से 
जिनके बच्चे आज भी उनके सच्चे निस्वार्थ प्यार को भूल उन्हें वृद्ध आश्रम छोड़ जाते है 

मुझे डर लगता है, उन आवाज़ों से 
जो आज भी राजनीति के बहाने भरस्टाचार फैलाते है
 
मुझे डर लगता है, उन इंसानो की मुस्कराहट से 
जो आज भी इतना कुछ होने के बाद भी सब चुपचाप सहन करते है 


डर के कारण अनेक है 
लेकिन समाधान एक है 
पहल 

एक पहल की जरूरत है इनके खिलाफ 
सब कोई सोचता है कौन करेगा इसके खिलाफ पहल ??
कौन इस डर के खिलाफ आवाज उठाएगा ??

मैं पहल करूंगा !!
मैं इन डर को अपनी जीत में बदलूंगा 
में इन डरो को अपने देश की जीत में बदलूँगा 
मैं इन अँधेरे रुपी डर से भारत को ज्योति रुपी मजबूती में लाऊंगा 
मैं पहल करूंगा ||

कड़ी से कड़ी जुड़ती जाएगी,और यह पहल एक मुहीम बन जाएगी 
बून्द बून्द जुड़ने से सागर बनता है 
कण कण जुड़ने से पर्वत बनता है 
मोती मोती जुड़ने से माला बनती है 
और व्यक्ति व्यक्ति जुड़ने से देश बनता है 

और यही हमारा फ़र्ज़ हो सके 
की व्यक्ति व्यक्ति जुड़ करहम सब इन डर का सामना करेंगे 
और इन डर के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे 
इस डर को हम अपने देश से खत्म करेंगे 
की हम अपने देश को स्वदेश कहने में नाज़ कर जाए !!!

पहल तो करो 
मंज़िल तो मिल ही जाएगी 
निकलो तो जरा 
रस्ते तो खुद बखुद बन ही जाएंगे 
सपने तो देखो जरा
हकीकत में बदलने की कोशिश तो कर ही लेंगे 
वक्त का इंतज़ार तो करो जरा
सफलता तो मिल ही जाएगी ||

हमेशा सत्य की पहल सिर्फ एक इंसान करता है 
लेकिन जब वो पीछे मुड कर देखता है 
तो उसे पूरा देश उसके साथ कदम से कदम मिलते हुए चलता दिखता है 

देश को बदलना है , हर डर को खत्म करना है 
डर के आगे ही जीत है !!!
क्यों न हम ही पहल की शुरुआत करे ??