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अपनी कल्पनाओ को, अपने सपनो को शब्दों का रूप देना भी अपने आप में एक कला है | जैसा कहा गया है 
" लिखना, लेखक की ताकत है , और कमजोरी भी ,की वो अपने जज्बातो को शब्दों का रूप जो दे देता है " 
यह ही तो है एक लिखने वाले की ताकत की उसे अपने जज्बातो एवं अपनी कल्पनाओ को शब्दों का रूप देना आता है , और इंसान की हमेशा से यह खूबी रही है की वो जितना खुल कर बोलता है , उस से कई गुना खुल कर वो लिख सकता है
व् अपने विचारो को प्रकट कर सकता है |

जैसा किसी ने कहा है की " मेरे शब्द आज़ाद है,मेरे लफ्ज़ आज़ाद है , मेरे अहसासों का समंदर आज़ाद है, 
मैं लिखता हूँ सकूँ पाने के लिए , मेरी सियाही आज़ाद है ,मेरी कलम आज़ाद है "

यह सच कहा गया है ...लिखने वाले के शब्द  आज़ाद परिंदे है, जो अपनी उड़ान भरने के काबिल है |
उनको कोई रोकने वाला नहीं है, न ही उनको कोई बंद करने वाला है , वो अपनी मर्ज़ी का मालिक है , वो जितनी बड़ी उड़ान भरना चाहता है, वो भरेगा ... वो अपनी ज़िंदगी का मालिक है ||

यह ही एक शब्द की ताकत है वो इंसान के दिल की गहराई में पहुँचता है , उसे चीरता है ,उसमे अपना असर छोड़ता है |अनेक लेखकों , कवियों ने अपने लेख व् कविताओं से लोगो को नै दिशा दिखने की कोशिश की है , उन्हें अछि शिक्षाएं दी है | मैं समझता हूँ की लिखने वाला लिखता इसीलिए है वो लोगो को सही राह दिखाएं , लोगो को जागरूक करे अपने कर्तव्यों के प्रति |

यह ब्लॉग भी कुछ इसी कारणों से बनाया गया है अर्थार्थ लोगो को एक नई दिशा दिखने के लिए, लोगो को उत्साहित करने के लिए उनके  सपनो के प्रति , लोगो को एक अलग और नए अंदाज़ में उनको ज़िंदगी में आगे बढ़ने के सन्देश देने के लिए ||

इस में कोई गलत शब्द एवं गलत बातो का प्रयोग नहीं किया जा रहा है , जो किसी इंसान, उनकी भावनाओ को और उनके धर्म को ठेस पहुँचता हो |
इसे पढ़े और खुद को और अपनों को मजबूत करे हर मुसीबतो का सामना करने के लिए और उन भावनाओ को समझने का प्रयास करे, जिन अवस्थाओं में यह लिखे गए है, ||

धन्यवाद 
आशीष जॉर्ज 
ब्लॉगर